WhatsApp ने भारत में एक बार फिर से बड़ी कार्रवाई करते हुए लाखों यूजर्स के अकाउंट बैन कर दिए हैं। वाट्सऐप ने इनमें से 12 लाख से ज्यादा अकाउंट्स बिना किसी यूजर द्वारा रिपोर्ट करने से पहले ब्लॉक किए गए हैं। इसके अलावा कंपनी ने पहली बार रिकॉर्ड ग्रीवांस का निपटारा किया गया है।
WhatsApp ने एक बार फिर से लाखों भारतीय यूजर्स के अकाउंट बैन कर दिए हैं। Meta के इंस्टैंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने मई के महीने में यह सख्त एक्शन लिया है। नए IT Rules 2021 के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने भारत में यह कार्रवाई की है। कंपनी द्वारा जारी मंथली कंप्लायेंस रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2024 में 66,20,000 भारतीय यूजर्स के अकाउंट बैन किए गए हैं, जिनमें से 12,55,000 अकाउंट्स को किसी यूजर द्वारा रिपोर्ट करने से पहले ब्लॉक किया जा चुका है।
13 हजार से ज्यादा ग्रीवांस हुए रिपोर्ट
कंपनी ने अपने मंथली कंप्लायेंस रिपोर्ट में बताया कि नए आईटी नियम 2021 के तहत मई के महीने में कुल 13,367 ग्रीवांस रिपोर्ट किए गए हैं। भारत में 55 करोड़ से ज्यादा यूजरबेस रखने वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने बताया कि 13 हजार से ज्यादा ग्रीवांस में से रिकॉर्ड 31 ग्रीवांस पर एक्शन लिया गया है। यहां एक्शन का मतलब है कि वाट्सऐप ने इन ग्रीवांस को खत्म करने के लिए कार्रवाई की है। वहीं, कंपनी को ग्रीवांस अपीलेट कमिटी की तरफ से 11 ऑर्डर मिले हैं।
WhatsApp ने आश्वस्त किया है कि वो भारत में अपने एक्शन और यूजर के हित को लेकर पारदर्शी है। भविष्य के कंप्लायेंस रिपोर्ट में भी यह पारदर्शिता दिखाई देगी। इससे पहले कंपनी ने अप्रैल 2024 में कुल 71 लाख भारतीय यूजर्स के अकाउंट बैन किए थे। अप्रैल में मैसेजिंग ऐप को कुल 10,554 ग्रीवांस यानी शिकायतें मिली थी। अप्रैल में इनमें से रिकॉर्ड 11 शिकायतों पर एक्शन लिया गया था।
किन वजहों से अकाउंट होता है बैन?
WhatsApp या कोई भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म किसी भी यूजर का अकाउंट कंपनी की पॉलिसी पर खड़ा नहीं उतरने पर उसे बैन कर सकता है। इसके अलावा अकाउंट से अफवाह फैलाए जाने, फ्रॉड गतिविधियों में लिप्त होने या फिर अन्य किसी पॉलिसी के उल्लंघन पर भी अकाउंट बैन हो सकता है। हालांकि, अकाउंट बैन होने पर आप WhatsApp के सपोर्ट पर जाकर अकाउंट को अनबैन करने के लिए रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
Source : https://www.indiatv.in/tech/tech-news/whatsapp-banned-more-than-66-lakh-accounts-in-india-as-per-new-it-act-2021-2024-07-02-1057096