ऐसा क्या है जिसने Google की सत्ता को दे दी चुनौती? सुंदर पिचाई को करनी पड़ी रहीं मीटिंग्स

ऐसा क्या है जिसने Google की सत्ता को दे दी चुनौती? सुंदर पिचाई को करनी पड़ी रहीं मीटिंग्स

करीब दो हफ्ते पहले सावर्जनिक तौर पर लॉन्च हुए OpenAI के चैटबॉट ChatGPT ने काफी सुर्खियां बटोरी है. इसी के चलते गूगल को अपने सर्च बिजनेस पर बड़ा खतरा मंडराता दिख रहा है. ऐसे में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक के बाद एक कई मीटिंग लेकर टीम को AI प्रोडक्टस पर फोकस करने को कहा है.

नई दिल्ली. पिछले तीन दशकों में नेटस्केप के वेब ब्राउजर, गूगल के सर्च इंजन और ऐपल के iPhone जैसे मुट्ठी भर प्रोडक्ट्स ने टेक इंडस्ट्री को सही मायने में बदल दिया है. इनके सामने कोई आकर भी नहीं टिक पाता. लेकिन, दो हफ्ते पहले एक एक्सपेरिमेंटल चैटबॉट ChatGPT रिलीज हुआ, जिसे इंडस्ट्री का अगला बड़ा प्लेयर माना जा रहा है. इसी ने गूगल में हलचल पैदा कर दी है और गूगल मैनेजमेंट ने ‘Code Red’ जारी किया है.

बीस साल से भी ज्यादा समय से गूगल का सर्च इंजन दुनिया के लिए इंटरनेट के प्राइमरी गेववे के तौर पर काम करता रहा है. लेकिन, नए तरह के बॉट टेक्नोलॉजी से गूगल को पहली बार उसके सर्च बिजनेस के लिए बड़ा खतरा लग रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि गूगल इन चैट बॉट्स से कंपीट करने में स्ट्रगल कर सकता है. ये नया चैटबॉट यानी ChatGPT केवल इंटरनेट से लिंक उठाकर नहीं देता है. बल्कि, ये साफ और आसान भाषा में जानकारियां देता है.

इतना सक्षम है ChatGPT
साथ ही ये चैटबॉट लोगों को बड़ी ही आसान भाषा में कॉन्सेप्ट एक्सप्लेन करता है, जिसे लोग समझ सकें. यहां तक कि ये शुरुआत से आइडिया डेवलप कर सकता है, बिजनेस स्ट्रेटजी प्लान कर कर सकता है, वेकेशन प्लान कर सकता है यहां तक कि क्रिसमस में देने के लिए गिफ्ट सजेस्ट कर सकता है. हालांकि, ChatGPT में अभी सुधार की काफी गुंजाइश है. लेकिन, फिर भी गूगल मैनेजमेंट में इसे लेकर हलचल है.

गूगल ने जारी किया ‘कोड रेड’
द न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल मैनेजमेंट ने ChatGPT के लॉन्च के बीच ‘कोड रेड’ जारी किया है. जो फायर अलार्म बजाने जैसा है. हालांकि, Google OpenAI के रिसर्च में योगदान करने वाली मेजर टेक कंपनियों में से एक है, लेकिन ChatGPT की सफलता ने Google सर्च के भविष्य के बारे में कंपनी को दो बार सोचने के लिए मजबूर कर रहा है. ChatGPT को करीब दो हफ्तों पहले पब्लिक किया गया था. यूजर्स इसे Open AI की वेबसाइट पर जाकर फ्री में ट्राई कर सकते हैं. पब्लिक होने के बाद से इस प्लेटफॉर्म पर 10 लाख से ज्यादा हिट्स हो चुके हैं.

NYT की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल और अल्फाबेट सीईओ सुंदर पिचाई ने Google की AI स्ट्रेटजी को लेकर कई मीटिंग लीं और कंपनी में कई ग्रुप्स को निर्देशित किया कि वे अपने सर्च इंजन बिजनेस पर ChatGPT के खतरे को दूर करने के अपने प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करें. टाइम्स के मुताबिक, कुछ कर्मचारियों को Open AI के Dalle-E के समान आर्ट और ग्राफिक्स क्रिएट करने वाले AI प्रोडक्ट्स बनाने का भी काम सौंपा गया है


गूगल के पास पहले से है LaMDA
आपकी जानकारी के लिए ये भी बता दें कि ChatGPT को कंपीट करने के लिए गूगल ने पहले ही एक चैटबॉट बना लिया है. यहां तक की OpenAI के चैटबॉट की कोर टेक्नोलॉजी को गूगल के रिसर्चर्स ने ही डेवलप किया था. गूगल के पास LaMDA या लैंग्वेज मॉडल फॉर डायलॉग ऐप्लिकेशन नाम का चैटबॉट है. लेकिन, गूगल इसे ऑनलाइन सर्च के रिप्लेसमेंट के तौर पर रखने से बचेगा. क्योंकि, ये डिजिटल एड्स देने के लिए अनुकूल नहीं है, जो पिछले साल कंपनी के राजस्व का 80% से अधिक का हिस्सा था.

Source : https://hindi.news18.com/news/tech/google-management-issued-a-code-red-amid-the-launch-of-the-openais-chatbot-chatgpt-5093331.html

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